जितने वालो को सलाम क्योंकि एक दिन हर कोई जीतेगा. Swami Vivekananda Motivational स्वामीजी केहेते है, एक बार हम हिमालय में यात्रा कर रहे थे. धीरे-धीरे रस्ते की चढ़ाई बढ़ रही थी. हमको अब ९० km और चल कर जाना था. लम्बे रस्ते को देखकर एक जवान साधू कहेता है, की में और नहीं चल सकता लगता है की मेरा सीना फट जायेगा.
Swami Vivekananda Motivational

स्वामी जी ने उसके पास जाकर कहा. मेरे पैरोंको देखो इन ओईरों के निचे जो रास्ता जाता है. इसपर तुम चलकर आए हो आगे भी इसी रस्ते से जाना है. अपनी शक्ति पर भरोसा रखो. एक एक कदम नापो और देखो ये रास्ता और इसकी कठिनाई हमेशा तुम्हारे पैरो के निचे रहेगी. दोस्तों हम में से कोई भी शरीर और हालात से नहीं हारता.
स्वामी विवेकानंद की ये बातें आपकी जिंदगी बदल देगी
हर कोई केवल और केवल अपने मन में बने हुई सीमाओं से हारता है. इसलिए स्वामीजी केहेते है जो भी मुश्किल आए उससे सामना करो.चाहे दुनिया आपके सामने खड़ी हो जायेंगी, चाहे तारे अपने जगह छोड़ दें. आपको एक कदम भी पीछे नहीं हटना है. किसी को भी डरपोक बनकर कुछ नहीं मिला. इसलिए अपनी शक्ति को पहचानो. स्वामीजी इस बात पै एक और कहानी सुनाते है.
एक बार में वाराणसी में था. में एक संकरी गली से गुजर रहा था. स्वामीजी केहेते है अचानक बंदरो ने मुझे घेर लिया. में जैसे इनसे दूर जाने की कोशिश करता वैसे बंदरो का झुंड मेरे और नजदीक आता. मैंने दौड़ना शुरू किया. तो बन्दर भी मुझे लपककर कटाने लगे. तभी एक आवाज ई की बंदरो को सामना करो. मैंने पलटकर बंदरो को घुरा बन्दर पीछे हेट जैसे में आगे बड़ा तो बंदरो ने रास्ता छोड़ दिया.
स्वामीजी केहेते है, जो भी तुम्हारे डर है जो भी कठिनाई है. उनका पूरी दिलेरी से सामना करो. क्योंकि जब तुम अपने डर का सामना करते हो. तो तुम्हे पता चलता है की तुम डर से कितने बड़े हो. दोस्तों जिन्होंने कुछ भी हासिल जिया है. उन सब ने अपनी कमियों को और परेशानियों का सामना किया है. चाहे वो कितनी चिति और बड़ी हो. कोई भी पीठ दिखाकर चादर ओड कर सफल नहीं हुवा है.
एक बार अपने भी देखा होगा जब अआप भागना छोड़ कर प्रोब्लेम का सोल्यूशन निकलते हो. और उनपर कम करते हो तो आपके डर बदल की तरह हो जाते है.और आप उनको पार कर जाते हो. क्योंकि हमारे डर और चिंता हमारी कल्पना शक्ति के बिना जीवित नहीं रह सकते.
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स्वामी जी ने १८९३ से १९०१ के बिच १०० से ज्यादा लेक्चर दिए है. एक लेक्चर में स्वामी विवेकानंद कही बार युवाओं को आत्म बल और आत्म शक्ति का सन्देश दे रहे है. एक लेक्चर में स्वामी जी केहेते है की मैंने आजतक उपनिषद के बाहर कुछ नहीं कहा. और उपनिषदों में केवल आत्म बल की बात की गयी है. हर कमी हर परेशानी से निपटने के लिए हमें बल चाहिए. शारीरिक बल, मानसिक बल और आत्मिक बल.
स्वामीजी एक लेक्चर में केहेते है क्या आपको पता है कितनी उर्जा, कितनी शक्ति आपके अन्दर छिपे पड़े है. वैद्न्यानिक इन्सान के बारे में बहुत ही का जन सके है. इन्सान को सालों हुए इस धरती पर आए लेकिन हमने अभी तक अपनी शक्ति का अति सुक्ष्म रूप ही देखा है. इसलिए अभी भी अपने आप को कमजोर मत समझना. क्योंकि तुम्हारे पीछे असीम शक्ति और आनंद का महासागर है.